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Eyes set on new group of youth voters
चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों को युवा शक्ति प्रेम और नशे में धुत आवारा लगती है. हर तरफ युवाओं को फटकार मिलती है. वैलेंटाइन डे जैसे दिनों में इनकी अच्छे से धुलाई की जाती है. जब कभी आरक्षण की बात करें तो युवाओं को बेकार बताया जाता है. लेकिन जैसे ही चुनाव नजदीक आते हैं यही युवा नेताओं के लिए आंखों का तारा बन जाते हैं. सुबह शाम युवाओं की तरक्की के ऐलान होने लगते हैं. ऐसा क्यूं? आखिर क्यूं हमारे नेताओं को देश के सबसे बड़े वोट बैंक यानि युवाओं की याद चुनाव के समय बहुत तेज आने लगती है !!
यूं तो देश में हजारों मसले हैं लेकिन युवाओं को आगे बढ़ाने का मुद्दा ऐसा होता है जिसे हर पार्टी चुनाव के समय ही याद करना पसंद करती है. चाहे भाजपा हो या कांग्रेस सभी को युवा मतदाताओं की याद आती है और इस बार भी यूपी चुनाव में युवाओं पर राजनीतिक पार्टियों की खास नजर है.
राजनीतिक दलों ने चुनाव में फर्क पैदा करने के लिहाज से युवा मतदाताओं की शक्ति को पहचानते हुए उनकी समस्याओं और जरूरतों खासकर बेरोजगारी और क्षमता विकास पर विशेष ध्यान दिया है. कहना गलत नहीं होगा कि हर दल ने अपने चुनाव घोषणापत्र में युवाओं को एक अलग वर्ग के तौर पर माना है.
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में एक करोड़ 39 लाख नए मतदाता पंजीकृत हुए हैं जिनमें से एक करोड़ 19 लाख मतदाता 18 से 29 वर्ष आयु वर्ग के हैं. पार्टियों की इन्हीं मतदाताओं पर खास नजर है. राजनीतिक पार्टियों की नजर में युवाओं के लिए शिक्षा तथा रोजगार के मुद्दे सबसे अहम हैं और वे जाति तथा धर्म के आधार पर वोट नहीं देंगे. नई युवा पीढ़ी को साथ लाने के लिए समाजवादी पार्टी ने अपने पुराने रुख में सबसे ज्यादा बदलाव किया है.
विदेश में शिक्षा प्राप्त सपा के नए प्रान्तीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की सोच की इसमें सबसे अहम भूमिका है. यह वजह है कि कभी अंग्रेजी और कंप्यूटर शिक्षा का मुखर विरोध करने वाले सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की पार्टी ने इस बार सबको चौंकाते हुए अपने घोषणापत्र में छात्रों को लैपटाप देने का वादा कर डाला.
सपा ने मुसलमान विद्यार्थियों और आधुनिक शिक्षा के प्रति उनकी जरूरतों पर ध्यान देते हुए अपने घोषणापत्र में मदरसों में तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था करने, 10वीं कक्षा पास करने वाली मुस्लिम लड़कियों को आर्थिक मदद तथा उनकी शादी के लिए 30 हजार रुपये देने का वादा किया है.
भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में भी युवाओं पर वादों की बारिश की गई है. इस दल ने पांच साल में एक करोड़ रोजगार सृजित करने, युवा बेरोजगार क्रेडिट कार्ड योजना के तहत युवाओं को सस्ती ब्याज दर पर एक लाख रुपये तक का कर्ज देने और पात्र युवाओं को दो हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया है. कांग्रेस ने भी पिछले दिनों जारी अपने ‘विजन डाक्यूमेंट’ में युवाओं पर खास निगाह रखी है. यही वजह है कि उसने राज्य से प्रतिभा पलायन रोकने के लिए अगले पांच साल में 20 लाख युवाओं को रोजगार देने का एलान किया है.
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