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Assembly election 2012
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजे आज आने वाले हैं. चुनावों के नतीजे आते ही पार्टियों में सरकार बनाने और मुख्यमंत्री फाइनल करने की होड़ लग जाएगी. जो अधिक वोट लेगा वह अपनी पीठ ठोंक कर अकेले सरकार बना लेगा और जो थोड़ा-बहुत आगे होगा वह गठजोड़ की राजनीति खेलेगा. लेकिन इन आंकड़ों की संख्या के बाद खेल का सबसे कठिन दौर आएगा और वह है मुख्यमंत्री के नाम को फाइनल करने का काम. यूपी में अगर इस समय सपा और बसपा को छोड़ दें तो किसी के पास भी कोई ऐसा चेहरा नहीं जिसे मुख्यमंत्री पद का फाइनल उम्मीदवार समझा जा सके. आइए एक नजर डालते हैं किस पार्टी में कौन-सा ऐसा उम्मीदवार है जो प्रदेश की कुर्सी संभाल सकता है.
समाजवादी पार्टी: मुलायम सिंह यादव या अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी को बहुमत मिलता है या उसे समर्थन के सहारे सरकार बनाने का मौका मिलता है तो मुलायम सिंह यादव तथा अखिलेश यादव में कौन मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा. इसमें कोई शक नहीं कि समाजवादी पार्टी के अंदर अखिलेश यादव को मुलायम सिंह यादव के उत्तराधिकारी के रूप में स्वीकार कर लिया गया है. अखिलेश ने भी मेहनत के बल पर वोट बैंक के बीच अपनी स्वीकार्यता करा ली है लेकिन सीएम के सवाल पर पार्टी खुलकर बोलने से बच रही है.
भाजपा: असमंजस के बेहद काले बादल
मुख्यमंत्री को लेकर भाजपा में बहुत ही ज्यादा असमंजस है. भाजपा ने जब प्रदेश में अपना चुनावी अभियान शुरू किया था तो कहा था कि चुनाव राजनाथ सिंह, कलराज मिश्र, उमा भारती और सूर्य प्रताप शाही के साझा नेतृत्व में लड़ा जाएगा. सीएम का फैसला नतीजे आने पर होगा. माना जा रहा है कि यहां मुख्यमंत्री पद को उमा भारती या सूर्य प्रताप शाही संभाल सकते हैं. पूर्ण बहुमत की सरकार न बने तो गठबंधन की स्थिति में भी ‘कुर्सी’ संभालने को करीब आधा दर्जन नेता तैयार हैं.
बसपा: यहां भी माया वहां भी माया
इस समय बसपा में मायावती के अलावा मुख्यमंत्री पद के लिए किसी और का नाम सोचा भी नहीं जा सकता. लेकिन राजनीति में कुछ भी संभव होने की बात कहने वाले तमाम संभावनाओं पर चर्चा कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि मायावती किसी भी सूरत में सपा को सत्ता में आने नहीं देना चाहेंगी, ऐसे में अगर किसी दल का कोई गठबंधन होता है और उसमें उनके सिवा किसी और को सीएम की कुर्सी पर बिठाने की बात होती है तो उनके पास सतीश मिश्र या नसीमुद्दीन सिद्दीकी विकल्प हो सकते हैं.
कांग्रेस: स्थिति बेहद जटिल है
कांग्रेस अगर चुनाव में जीत जाती है तो यूपी की बागडोर किसके हाथ में जाएगी यह कहा नहीं जा सकता. हां, अगर सिर्फ नाम की बात है तो यहां सलमान खुर्शीद, रीता बहुगुणा जोशी, बेनी प्रसाद वर्मा के नाम अग्रणी हैं लेकिन वाकई कांग्रेस की जीत की स्थिति में मुख्यमंत्री के चेहरे पर से नकाब आखिरी वक्त ही उतरेगा.
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