Menu
blogid : 8464 postid : 67

जोर-शोर से जारी है दिल्ली नगर निगम चुनाव की गहमागहमी

Election
Election
  • 19 Posts
  • 46 Comments

delhi election पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की समाप्ति हो चुकी है जिनके परिणामों पर अब तक धूल भी जम चुकी होगी. अगर हम इन चुनावी परिणामों की समीक्षा निकालें तो पता चलता है कि बीते कुछ सालों में चुनाव के रंग-रूप में बदलाव देखने को मिल रहा है. पहले जहां मतदाता धर्म और जाति को अपनी वोट का आधार मानता था वहीं अब उसमें भारी परिवर्तन देखने को मिला है. किसी भी श्रेणी के चुनाव में आज जनता के सामने प्रमुख मुद्दा विकास है.


उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनाव के बाद अब बारी है दिल्ली नगर निगम चुनाव की जो चुनाव आयोग द्वारा 15 अप्रैल को घोषित किए जा चुके हैं. एमसीडी के इस चुनाव में 272 वार्ड हैं और इन वार्डों के लिए लगभग 2500 उम्मीदवार मैदान में उतर चुके हैं. इस बार दिल्ली के स्थानीय चुनाव में कौन सी बातें जनता को प्रभावित करेंगी आइए नजर डालते हैं.


भ्रष्टाचार– भ्रष्टाचार देश के लिए नासूर बन चुका है. किसी भी श्रेणी के चुनाव में हर राजनीति पार्टियों के लिए यह एक प्रमुख मुद्दा होता है. बीते पांच राज्यों के चुनाव में भी इस मुद्दे को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों ने काफी भुनाया जिसका फायदा समाजवादी पार्टी को मिला. दिल्ली की आम जनता भी भ्रष्टाचार से अछूती नहीं है. आए दिन उसका भ्रष्टाचार के नए रूपों से सामना हो जाता है. मतदान करते समय इस बात को दिल्ली की जनता जरूर ध्यान रखेगी.


मंहगाई– भ्रष्टाचार की तरह मंहगाई भी जनता को खाए जा रही है. खाने-पीने जैसी चीजों से लेकर रोजाना प्रयोग होने वाले आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं जिसका असर आम जनता की जेबों पर पड़ रहा है. कंपनियों को फायदा दिलाने के लिए आए दिन पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए जाते हैं. वहीं 2012 के रेल और आम बजट ने भी आम जनता की जेब को कतरने में कोई कमी नहीं की.


अन्ना प्रभाव– ठीक एक साल पहले दिल्ली के जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल बजाया था और जनता का भारी समर्थन भी प्राप्त किया. अगस्त में भी अपनी टीम के साथ एक बार फिर अन्ना हजारे ने जनता के सामने आए. इस बार उन्हें पहले से भी ज्यादा जनसमर्थन हासिल हुआ था. उनके इस अभियान से सरकार पूरी तरह से नतमस्तक दिखाई दी. इस पूरे घटनाक्रम पर आज भी लोगों की नजर है. जनता खासकर दिल्ली की जनता पर इस घटना ने बहुत ज्यादा प्रभाव डाला.


स्थानीय मुद्दा– बिजली, पानी, सड़क ये ऐसे मुद्दे हैं जिससे दिल्ली की जनता को रोजाना दो चार होना पड़ता है. अभी भी दिल्ली में कई ऐसी जगह हैं जहां पर बुनियादी सुविधाएं दूर की कौड़ी साबित हुई हैं. नगर निगम के कर्मचारियों की मनमानी जनता के सामने कई समस्याएं उत्पन्न करती है. बारिश के मौसम में दिल्ली की सड़कों की बदहाली किसी से छुपी नहीं है. और कोई मुद्दा प्रभाव डाले या न डाले लेकिन स्थानीय चुनाव में स्थानीय मुद्दे जरूर प्रभाव डालते हैं.


Read Hindi News


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply to rahul sinnghCancel reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh